“ मेरी दृष्टि में एक पूर्ण अभियंता वो है जिसे अपने विशेष विषय में कुछ विशेष ज्ञान का प्रायोगिक अनुभव... “ मेरी दृष्टि में एक पूर्ण अभियंता वो है जिसे अपने विशेष विषय में कुछ विशेष ज्ञा...
जीने के लिए सोचा ही नहीं दर्द सँभालने होंगे, मुस्कुराएं तो मुस्कुराने के क़र्ज़ उतारने होंगे... हाँ,... जीने के लिए सोचा ही नहीं दर्द सँभालने होंगे, मुस्कुराएं तो मुस्कुराने के क़र्ज़ ...
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
मध्य उसे अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी और बालमजदूरी करनी पड़ी। मध्य उसे अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी और बालमजदूरी करनी पड़ी।
अनुरागी अर्जुन और आत्मा रूपी कृष्ण के लिए तो यह आरम्भ का प्रथम कदम है। अनुरागी अर्जुन और आत्मा रूपी कृष्ण के लिए तो यह आरम्भ का प्रथम कदम है।
सच में आज और अगले हर दिन उस ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हैं। सच में आज और अगले हर दिन उस ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हैं।